नैनीताल में घूमने की कौन सी जगह जाये जहाँ बिना जाये आपकी यात्रा अधूरी है

नैनीताल उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, जो कुमाऊं पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है, यह एक पर्वतीय स्थल है[i].., जिसे एक अनोखे आकार की झील के चारों ओर बनाया गया है, जिसे हम नैनी झील के नाम से जानते हैं। नैनीताल अपने खूबसूरत परिदृश्य और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के लिए स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। प्राकृतिक सुंदरता में झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध नैनीताल में बर्फ से ढकी पहाडिय़ां और झीलें हैं।

नैनीताल समुद्र तल से 1938 किमी की ऊँचाई पर स्थित पूरे साल एक सुखद जलवायु होती है और इसे सही मायने में सभी यात्रा प्रेमियों के लिए एक सुरम्य स्वर्ग कहा जा सकता है। तो चलिए आज हम आपको यात्रा कराते हैं नैनीताल की[i]..। इस आर्टिकल में नैनीताल के बारे में हमने वो सबकुछ बताने का प्रयास किया है, जो आप जानना चाहते हैं। चाहे नैनीताल का लुभावना मौसम देखना हो, शॉपिंग करनी हो, एडवेंचर स्पोट्र्स का आनंद लेना हो या फिर खाना खाना हो इन सभी चीजों के शौकीन पयर्टकों के लिए यहां कुछ ना कुछ जरूर है। नैनी झील शहर के मध्य से बहती है यहां अन्य झीलें भी हैं जो आप देख सकते हैं।[i]..

यहां तक ​​कि अगर आप नाव की सवारी पर नहीं जाना चाहते हैं, तो आप बैंकों की सैर कर झीलों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। नैनीताल में कुछ पहाड़ी इलाके हैं, जो शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।[i].. इनमें नैना पीक, टिफिन टॉप और स्नो व्यू पॉइंट शामिल हैं, ये सभी बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। नैनीताल की यात्रा की योजना बनाने वाले यात्री हनुमानगढ़ी की यात्रा कर सकते हैं, जो हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, नैना देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसे भारत के 51 शक्ति पीठों में गिना जाता है।[i]..

नैनी झील नैनीताल का मुख्य पर्यटन स्थल

नैनीताल की बस्ती के बीच नैनी झील एक सुंदर प्राकृतिक झील है। झील अर्धचंद्राकार या गुर्दे की आकृति में है और कुमाऊं क्षेत्र की प्रसिद्ध झीलों में से एक है। उत्तर पश्चिम में नैनी पीक, दक्षिण पश्चिम में टिफिन प्वाइंट और उत्तर में बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा, झील विशेष रूप से सुबह और सूर्यास्त के दौरान एक लुभावनी दृश्य प्रदान करता है। पहाड़ी को कवर करने वाले शंकुधारी पेड़ जगह की कच्ची सुंदरता में आकर्षण जोड़ते हैं।

नैनीताल के 13 दर्शनीय स्थल जहाँ घूमने जा सकते है

झीलों से गिरता पारदर्शी जल आपकी[i].. आँखों को सुकून देगा। ताज़ी सरसराती हवा जब आपके चहरे को छूकर गुज़रेगी तब आप मन को लुभा लेने वाली ताज़गी का एहसास कर पाऐंगे। आइए चलते है नैनीताल भ्रमण पर जहाँ आपको केवल आनंद और उत्साह मिलेगा वो भी खूब सारी मात्रा में:[i]..

1. नैनीताल का इको केव गार्डन

झूलते बगीचों एवं संगीतमय फव्वारों के लिए प्रसिद्ध यह गुफा 6 छोटी गुफाओं का मिश्रण है जिन्हें जानवरों के आकार में बनाया गया है। मुख्यतः ये नैनीताल दर्शनीय स्थल इसलिए बनाया गया है ताकि पर्यटकों को हिमालयी वन्यजीवों के प्राकृतिक वास की झलक से परिचय करवाया जाए।[i].. आपको अंदर जाने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है पर पेट्रोल से जलते लैंप आपको आकर्षित करेंगे। यहाँ की प्रचलित गुफाएँ हैं- टाईगर केव, पैंथर केव, ऐप्स केव, बैट केव और फ्लाईंग फॉक्स केव।[i]..

2. नैनीताल की नैनी झील

सात अलग-अलग पर्वत की चोटियों से घिरी यह झील कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध झील है। अपने खूबसूरत नज़ारों के लिए मशहूर यह नैनीताल दर्शनीय स्थल लोगों के बीच पिकनिक का बहुत प्रचलित स्थान है[i]..जहाँ बैठकर आप ढलते सूरज की विलुप्त होती लालिमा को देख पाऐंगे। शाम के वक्त आप ऐसे सौंदर्य पूर्ण वातावरण का गमन भी कर सकते है जहाँ आप झील में विचरण करते बत्तखों को भी देख पाऐंगे।[i]..आप झील के पास स्थित नैना देवी मंदिर के दर्शन करके मन को और अधिक शांति भी प्रदान कर सकते हैं।

3. नैनीताल का मॉल रोड़

नैनी झील के सहारे बनी यह सड़क मल्लीताल व तल्लीताल को जोड़ती है। यहाँ आपको हर वक्त चहल-पहल का माहौल देखने को मिलेगा।[i]..उत्तराखण्डी संस्कृति व पारंपरिक स्वादिष्ट खाने का मिश्रण आपको यहाँ देखने को मिलेगा। खरीदारी के लिए भी यह उपयुक्त स्थान है जहाँ आपको सुंदर गर्म कपड़े आसानी से मिल जाऐंगे। तो फिर देर किस बात की है, आइए और नैनीताल को अपनी सेवा का अवसर दे दीजिए। नैनीताल के दर्शनीय स्थल में अगर आपने इस जगह को छोड़ दिया तो आप ज़रूर पछताऐंगे।[i]..

4.नैनीताल का स्नो व्यू पॉइन्ट

दूध जैसी बर्फ से ढका हिमालय मन को लुभा लेनेवाला दृश्य आपकी आँखों के सामने ला देगा। इस नैनीताल दर्शनीय स्थल को देखकर आपका मन यकीनन नहीं भर पाएगा[i].. इसलिए इस मौका पर आप नैनीताल की फोटो लेना भूल ही नहीं सकते। समुद्र तल से 2270 मीटर ऊँचा यह बिंदु यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय स्थान है। आपको ऐसा प्रतीत होने लगेगा कि हाथ ऊपर उठाते ही आपकी मुट्ठी में बादल कैद हो गए हों। आपके सामने होंगे ऊँचे बर्फीले पहाड़ और ऊपर होगी बादलों की सफ़ेद चादर, सोचकर ही मन गदगद हो रहा है।[i]..

5. टीफिन टॉप

नैनीताल के पर्यटन स्थल में शुमर यह जगह आपको पूरे नैनीताल का दृश्य दिखाएगी। चारों तरफ चीड़, ओक व देवदार से घिरा यह स्थल आपको खुशनुमा व शांति के वातावरण से रूबरू करवाएगा। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको यहाँ भरपूर तसल्ली मिलेगी।[i].. तसल्ली भी ऐसी-वैसी नहीं, मन को आनंदमयी करने वाली। तो कोई क्यों यहाँ आना भूल सकता है और वैसे भी अगर आप यहाँ नहीं आए तो आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी। यह भी एक पिकनिक स्थल है और यहाँ कुछ रोमांचक कार्य भी किए जाते हैं जैसै पर्वतारोहण आदि तो आप इसे भूल तो सकते ही नहीं हैं।[i]..

6.नैना पीक

2615 मीटर की ऊँचाई के साथ यह नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी है जो,सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र है। साल भर बर्फ की चादर से ढके रहने वाले पहाड़ों को हरियाली युक्त पेड़ों ने घेरा हुआ है।[i].. तस्वीरें खींचने के शौकीन रखने वाले लोग यहाँ आकर अपनी इस इच्छा को पूरा कर सकते है। हाईकरों और ट्रैकरों के बीच यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है। आप यहाँ अपने मित्रों के साथ या अपने साथी के साथ एक अच्छी छुट्टियाँ मना सकते है। सूर्योदय व सूर्यास्त के खूबसूरत नज़ारें देखने के लिए लोग यहाँ अकसर आते हैं।[i]..

7. पं.बल्लभ पंत ज़ू

विभिन्न प्रकार के पशुओं से लिप्त यह स्थान बहुत से जानवरों का निवास स्थान है जैसे-तेंदुआ, पहाड़ी लोमड़ी, भेड़िए, हिरन, हिमालयी काला भालू, सफ़ेद मोर और आदि। बहुत से विलुप्त होते पक्षियों को भी आप यहाँ से वहाँ पंख पसारते नज़र आऐंगे।[i].. 2100 मीटर की दूरी में फैला यह स्थान लंबे-लंबे घने पेड़ पशु-पक्षियों को रहने में सहायता करते हैं।

8.नैना देवी मंदिर

कहा जाता है कि इस जगह देवी सती के नेत्र गिरे थे इसलिए इस मंदिर का नाम नैना देवी रखा गया। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में इसे भी शामिल किया गया है। [i]..यहाँ मौजूद पीपल का पेड़ शताब्दियों से लगा हुआ है जो लोगों में आकर्षण का केंद्र है। आप यहाँ आकर भक्ति में लीन हो सकते हैं। पहले मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती थी पर अब यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उड़नखटोलों की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को मुश्किल का सामना न करना पड़े।[i]..

9.ज्योलिकोट

नैनी झील का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला यह स्थान मनमोहने वाला नैनीताल दर्शनीय स्थल है। तरोताजा़ फल-फूलों व कई प्रकार की तितलियाँ का निवास स्थान यही है।[i].. प्रकृति से प्रेम करने वालों का यहाँ स्वागत है। आप यहाँ आकर रंग-बिरंगी तितलियों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सकते है। बच्चे भी यहाँ आकर खूब लुत्फ़ उठा पाऐंगे और अपने छोटे से अवकाश को यादगार बना पाऐंगे। इन तितलियों की तरह आपका मन भी बेफिक्र होकर झूम उठेगा और आपके मन में खुशी की तरंगें चलने लगेगी।[i]..

10. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

हरियाली, शांत वातावरण, पेड़ों से गुज़रती ताज़ी हवा और उनके बीच विलुप्त होते पशु-पक्षी, इन सभी का संगम आपको एक ही स्थान पर और एक ही समय पर मिलेगा।[i].. हैरान होने वाली बात बिल्कुल नहीं है क्योंकि यहाँ जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की बात हो रही है। अगर आप अक्टूबर से फरवरी के दौरान यहाँ आते हैं तो आपको यहाँ कुछ अनदेखे पक्षी देखने को मिलेंगे जो आप यहाँ के अलावा और कहीं नहीं देख पाऐंगे। यह सुनहरा अवसर है इसे आसानी से हाथ से जाने मत दीजिए।[i]..

11.नैनीताल मे घोड़े की सवारी

नैनीताल में हॉर्स राइडिंग भी पर्यटकों की पंसद है. नैनीताल के बारा पत्थर से होने वाली घुड़सवारी को लेकर भी यहां पर्यटक पहुंचते हैं. साथ ही टिफिनटॉप के लिये घोड़े की सवारी करते रहते हैं[i]... इसके लिये पर्यटकों को 750 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन ठंडा मौसम और रमणीक स्थल होने के चलते सैलानियों के लिये ये एक रोचक यात्रा रहती है.

12. हनुमानगढी

नैनीताल शहर से हनुमानगढी 4 किलोमीटर दूर है. यहां से सनराइज व सनसेट का बेहतर नराजा सैलानियों को देखने को मिलता है. हालांकि, शहर के लोग पैदल भी यहां तक पहुंचते हैं.[i].. और पास में ही बने हनुमान के मन्दिर पर भी लोगों की काफी आस्था और विश्वास है.

13. कैची धाम

नैनीताल से 16 किलोमीटर दूर किस्मत बदलने वाले बाबा कैंची धाम का मन्दिर है. कहा जाता है कि स्टीव जॉब और मार्क जुकरबर्ग समेत कई विदेशी लोगों को इस मन्दिर से कामयाबी का रास्ता मिला है. इस मंन्दिर की स्थापना के बारे में कहा गया है कि कैची के धर्मानन्द तिवाड़ी नैनीताल से घर लौट रहे थे.[i].. रास्ते में उनको काफी देर होने से भूत का डर होने लगा था. तभी रास्ते में एक बाबा कम्बल ओड़े हुए मिला. बाबा ने उनसे पूछा कि कहां जा रहे है. आपको अभी गाड़ी मिल जायेगी. डरते हुये जब धर्मा नन्द ने ये पूछा कि बाबा अब कब दर्शन होगें. इसके बाद बाबा 20 साल बाद कहकर जब बाबा 20 साल बाद रानीखेत से लौट रहे थे[i].. तभी तिवाड़ी परिवार ने बाबा नीब करौरी को नहीं पहचाना. इसके बाद बाबा ने 20 साल पुरानी कहानी सुनाई और इस स्थान पर मंन्दिर निर्माण करने की बात कही है. तब से हर साल यहां 16 जून को बाबा नीब करौरी की स्थापना दिवस मनाया जाता है.

नैनीताल कैसे पहुंचे

वायुमार्ग

नैनीताल में कोई एयरपोर्ट नहीं है नैनीताल के सबसे नजदीक पंतनगर एयरपोर्ट है जो शहर करीब 70 किलोमीटर दूर है। लेकिन यहां अधिकर चार्टर्ड उड़ाने ही संचालित होती हैं। [i]..पंतनगर तक केवल दिल्ली से सीधी उड़ान उपलब्ध है। अगर आप मुंबई से नैनीताल या कोलकाता से नैनीताल आना चाहते हैं तो दिल्ली तक की फ्लाइट बुक करें फिर यहां से पंतनगर की फ्लाइट पकड़ सकते हैं या फिर दिल्ली से नैनीताल तक का सफर सड़क के रास्ते भी पूरा कर सकते हैं जिसमें करीब 8-9 घंटे लगते हैं। आप दिल्ली एयरपोर्ट से कैब बुक कर सकते हैं जो करीब 5-6 हजार रुपए लेगी अगर आप थोड़ा सस्ता विकल्प चाहते हैं[i].. तो दिल्ली एयरपोर्ट से सीधी मेट्रो पकड़ कर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे और काठगोदाम तक की ट्रेन पकड़ें या फिर आप दिल्ली से नैनीताल बस से भी सफर कर सकते हैं। इसके अलावा बेंगलुरु से नैनीताल या पुणे से नैनीताल पहुंचने के लिए भी आपको दिल्ली तक की फ्लाइट पकड़नी होगी।

रेल मार्ग

नैनीताल में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है नैनीताल के सबसे नजदीक काठगोदाम रेलवे स्टेशन है नैनीताल से काठगोदाम की दूरी 34 किलोमीटर है।[i].. देहरादून से काठगोदाम के लिए सीधी ट्रेन है जो करीब 7 घंटे में काठगोदाम उतार देती है जबकि आगरा से काठगोदाम की कोई सीधी ट्रेन नहीं है आगरा से काठगोदाम जाने के लिए आपको पहले दिल्ली जाना होगा जहां से सीधी ट्रेन है। दिल्ली से नैनीताल जाने का सबसे अच्छा तरीका है आप रानीखेत एक्सप्रेस पकड़ें जो रात दस चलती है और सुबह 5 बजे काठगोदाम उतार देती है।[i].. इसके अलावा कोलकाता से नैनीताल पहुंचने के लिए भी काठगोदाम तक सीधी ट्रेन है। काठगोदाम से आप कैब या बस से नैनीताल पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग

नैनीताल सड़कमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है दिल्ली से नैनीताल की दूरी करीब 320 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में 8-9 घंटे लगते हैं। नैनीताल नैशनल हाइवे 87 के जरिए पूरे देश से जुड़ा है। इसके अलावा दिल्ली नैनीताल के लिए सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।[i].. दिल्ली से नैनीताल जाने के लिए आप वॉल्वो बस भी बुक कर सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल पहुंचाने में बस 8.30-9 घंटे लेती है। दिल्ली से नैनीताल के लिए बस रात 10 बजे चलती है जो सुबह 6.30 बजे नैनीताल उतार देती है। इसके अलावा आप अपनी कार से भी नैनीताल जा[i].. सकते हैं या फिर कैब किराए पर करके रास्ते की खूबसूरती का मजा लेते हुए भी नैनीताल पहुंच सकते हैं।


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